दिल वालों की दिल्ली खाने के मामले में दुनिया भर में फेमस है। पुरानी दिल्ली से लेकर सेंट्रल दिल्ली के कई इलाके अपने चटखारेदार जायकों के कारण खाने के शौकीन लोगों के बीच काफी फेमस है। यहां कई लजीज डिशेज मिलती हैं, जिनके लिए आपको एक बार जरूर आना चाहिए। वेस्ट दिल्ली में भी कई ऐसी दुकानें हैं, जिसकी डिशेज काफी फेमस हैं। यहां हम आपको वेस्ट दिल्ली में स्थितक मोती नगर इलाके की विभिन्न दुकानों पर मिलने वाले फेमस डिशेज के बारे में बता रहे हैं।

मोठ कचौड़ी, स्पेशल मुल्तानी मोठ कचौड़ी
आप मोती नगर के अंदर मेन मार्केट में जाएंगे, तो सब्जी बाजार में काली माता मंदिर से 4-6 दुकान आगे एकदम छोटी-सी आम-सी दुकान मोठ-कचौड़ी और मोठ चावल के शौकीनों से हर दोपहर 3 से रात 9 बजे तक घिरी रहती है। दुकान का नाम ही है ‘स्पेशल मुल्तानी मोठ कचौड़ी’। सामने पीतल के पतीले में मोठ भरा है और बगल में पतीले में पीले चावल। साइड में रखी टोकरी में सादी खस्ता कचौड़ियां भरी हैं। पहले कचौड़ी के टुकड़े-टुकड़े करते हैं, फिर गर्म मोठ और पीले चावल उढेलते हैं।

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ऊपर पुदीना, धनिया, हरी मिर्च वगैरह की चटनी और मिर्च, धनिया, अनारदाना वगैरह का गर्म मसाला छिड़क कर, मिर्ची पाउडर और सिरका का लच्छा प्याज की टॉपिंग कर सर्व करते हैं। सिर्फ मोठ चावल चाहें, तो भी कचौड़ी के बगैर हाजिर है। 1955 के आसपास लाल चंद ने मोठ-चावल-कचौड़ी का जलवा क्या शुरू किया, फिर उनके बड़े बेटे टेक चंद के बाद अब छोटे बेटे भगवान दास जुटे रहते हैं। स्वाद का सारा कलाम तो मोठ से है। ख्याल रहे कि महीने के आखिरी सोमवार को छुट्टी होती है। यह दुकान काली माता मंदिर के नजदीक स्थित है।

छोले-भठूरे पनीर वाले, सी एल कॉर्नर
मोती नगर मार्केट में सुबह 8 से शाम 5 बजे तक जाएं, तो छोले-भठूरे खाना न भूलें। फन सिनेमा के बगल की गली के मुंहाने पर ही सी एल कॉर्नर नाम की दुकान क्या लाजवाब छोले-भठूरे से रिझा रही है। सामने कांच के शो केस में पीतल की खासी बड़ी परात में भरे छोले हौले-हौले गर्म होते रहते हैं। ऑर्डर आते हैं, तो प्लेट में पहले छोले, फिर ऊपर मसाला आलू और एक चम्मच पालक डालते हैं। संग पनीर स्टफिंग के गर्म भठूरे रख कर ट्रे में पेश करते हैं।

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स्वाद बढ़ाने के लिए गाजर, आंवला, या आम का मौसमी अचार, लच्छा प्याज और अनारदाना की दानेदार चटनी भी है। सारी तारीफ छोलों की है। इसलिए छोलों के दम पर छोले-चावल-पालक का कॉम्बो भी हिट-ओ-हिट है। 1985 से पिता चुन्नी लाल के नाम पर दुकान शुरू की 3 भाइयों हरीश दुआ, योगेश दुआ और संजय दुआ ने। यह दुकान फन सिनेमा के नजदीक मौजूद है।

साउथ इंडियन फूड, राजन कॉर्नर
अंदर मेन मार्केट में चलें, तो दुर्गा मंदिर के नजदीक राजन कॉर्नर का साउथ इंडियन फूड भी खाने जा सकते हैं। मसाला, पनीर, रवा, अनियन वगैरह एक से एक 7-8 वैरायटी के डोसा हैं। वड़ा, इडली और उपमा भी है। संग सर्व सांभर की खूब तारीफ है। कढ़ी पत्ता, राई और फ्राई लाल मिर्च की टॉपिंग समेत प्याज, टमाटर और अनियन की दो अलग-अलग चटनियां तो कमाल की हैं।

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यह दुकान 1980 से है और राजन माकन ने सिलसिला शुरू किया था। हालांकि ओनर पंजाबी हैं, लेकिन स्वाद का राज़ है कि खानसामा साउथ इंडियन है। इसलिए खालिस साउथ इंडियन खुशबू से खाना महक उठता है। ख्याल रहे कि महीने के आखिरी शुक्रवार को छुट्टी रहती है और आखिरी रोज़ सुबह 10 से रात साढ़े 10 बजे तक रौनकें गुलज़ार रहती हैं। यह दुकान दुर्गा मंदिर के नजदीक स्थित है।

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