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गणेश चतुर्थी का त्योहार भारत में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है इस बार गणेश उत्सव 13 सितंबर को पड़ रहा है। भारत में कई गणेश मंदिर है लेकिन कुछ मंदिर ऐसे हैं जिनकी काफी मान्यता है और हमेशा यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। गणेश चतुर्थी के दिन इन मंदिरों की भव्यता और माहौल अलग ही होता है। अगर आप इस बार गणेशोत्सव को कुछ अलग तरीके से मनाना चाहते हैं तो देश के इन प्रसिद्ध गणेश मंदिरों में जरूर जाएं। यहां हम आपको इन मंदिरों तक पहुंचने के सभी आसान तरीके और इनसे जुड़ी पूरी जानकारी दे रहे हैं।

  • श्री सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई
    यह मंदिर न केवल मुंबई बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध है। यहां गणेश चतुर्थी के दिन त्योहार जैसा माहौल होता है। गणेश चतुर्थी से कुछ दिन पहले ही मंदिर सजने लगता है। महानगर मुंबई में होने के कारण इस मंदिर में बड़े-बड़े सेलिब्रिटी भी आते हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा कि गणेश चतुर्थी वाले दिन आप यहां भगवान के दर्शन करने पहुंचे और आपके बगल में कोई सेलिब्रिटी खड़ा हो। इस मंदिर का निर्माण 1801 में लक्ष्मण विथू और देऊभाई पाटिल ने करवाया था।
    कैसे पहुंचे
    सिद्धि विनायक मंदिर पहुंचने के लिए पहले आपको मुंबई पहुंचना होगा। सिद्धि विनायक मंदिर मुंबई में दादर रेलवे स्टेशन से केवल 15-20 मिनट के वॉकिंग डिस्टेंस पर है। इसके अलावा आप मुंबई के विभिन्न इलाकों से टैक्सी या बस से भी प्रभादेवी पहुंच सकते हैं जहां ये मंदिर मौजूद है।
    टाइमिंग- सुबह 5.30 बजे से रात 9.50 बजे तक
  • मोती डूंगरी गणेश मंदिर, जयपुर
    यह जयपुर का सबसे प्रसिद्ध गणेश मंदिर है जो शहर में मोती डूंगरी पहाड़ी के ऊपर स्थित है। इसका निर्माण 1761 में किया गया था। जबकि इसमें स्थित मूर्ति करीब 500 साल पुरानी बताई जाती है। इस मंदिर के प्रागण में शिवलिंग भी है जो केवल महाशिवरात्रि के दिन ही श्रद्धालुओं के लिए खुलता है। इस मंदिर का निर्माण नागरा शैली में किया गया है।
    कैसे पहुंचे-
    मोती डूंगरी गणेश मंदिर आने के लिए पहले आपको जयपुर पहुंचना होगा। जयपुर तक देश के सभी प्रमुख शहरों से हवाई और रेल यात्रा की सुविधा उपलब्ध है इसके अलावा जयपुर सड़कमार्ग भी जुड़ा है। जयपुर से इस मंदिर के लिए के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपलब्ध है।
    टाइमिंग- सुबह 5.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक, शाम 4.30 बजे से रात 9 बजे तक
  • कनिपकम विनायक मंदिर, चित्तूर
    यह एक प्राचीन मंदिर है जिसका निर्माण 11वीं सदी में चोल राजा कुलोथुंगा चोला ने करवाया था। यहां रखी भगवान गणेश की मूर्ति सफेद, पीली और लाल रंग की है। इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर के पवित्र जल में स्नान करने से सभी पाप और परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है।
    कैसे पहुंचे
    यह मंदिर कनिपकम में स्थित है जहां देश के कई राज्यों से सीधी ट्रेन और वायु सेवा उपलब्ध नहीं है आप नजदीकी रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट तिरुपति (70 किलोमीटर) तक पहुंचकर इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
    टाइमिंग- सुबह 4 बजे से रात 9 बजे तक
  • दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर, पुणे
    इस मंदिर में भगवान गणेश की 7.5 फीट ऊंची और 4 फीट चौड़ी मूर्ति लगी है जिसपर करीब 8 किलो सोना लगा है। यह मंदिर का निर्माण 1800 वीं सदी में दगडूशेठ नाम के हलवाई ने करवाया था। 1893 में इसका निर्माण खत्म हुआ था। यहां गणेश चतुर्थी काफी धूमधाम से मनाई जाती है।
    कैसे पहुंचे-
    यह मंदिर पुणे में स्थित है जो देश के सभी प्रमुख शहरों से सड़क, हवाई और रेल मार्ग के जरिए जुड़ा है। पुणे पहुंचकर आप यहां टैक्सी या पब्लिक ट्रांसपोर्ट से पहुंच सकते हैं।
    टाइमिंग- सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक