varanasi-diwali
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दिवाली का त्योहार सभी लोग अपने-अपने घर पर ही मनाना चाहते हैं, लेकिन इस त्योहार को आप और खास बनाने के लिए भारत के कुछ फेमस स्पिरिचूअल प्लेसेस पर जा सकते हैं। जहां आपको आध्यात्म के साथ ही नई जगह की दिवाली के जश्न को देखने व महसूस करने का भी मौका मिलेगा।

वाराणसी
स्पिरिचूअल ट्रिप की बात हो रिचूअल ट्रिप की बात हो और वाराणसी का नाम रह जाए ऐसा हो ही नहीं सकता। यूं तो साल में आप कभी भी यहां जा सकते हैं लेकिन दिवाली के दिन यहां अलग ही नजारे देखने को मिलते हैं। वाराणसी में आप आतिशबाजी का आनंद लेने के साथ ही मंदिरों में होने वाली आरती और गंगा की भव्य आरती देख सकते हैं। कोशिश करें कि आप पहले ही गंगा घाट के नजदीक स्थिति होटेल में बुकिंग करवा लें, ताकि अगर भीड़ के कारण आप घाट तक न भी पहुंच सकें तो भी आप आरती देख सकें।

हरिद्वार
उत्तराखण्ड का हरिद्वार जिला एक पवित्र नगर और हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थ माना जाता है। दिवाली के दिन गंगा के घाट पर मंदिर के पुजारियों के साथ ही श्रद्धालुओं द्वारा दीये लगाए जाते हैं, जिससे पूरे घाट पर पीली रोशनी बिखर जाती है। यह नजारा और गंगा आरती आपका मन मोह लेगी।

अमृतसर
अमृतसर के गोल्डन टेंपल पर दिवाली भव्य रूप से मनाई जाती है। यह दिन सिख समुदाय के लिए भी खास होता है। माना जाता है कि इसी दिन गुरु हरगोबिंद साहिब जी 1619 में रिहा होकर वापस लौटे थे। इसके साथ ही दिवाली का इस मंदिर से एक और खास नाता है। जानकारी के अनुसार, साल 1577 में दिवाली के दिन ही यहां की नींव का पहला पत्थर रखा गया था।

कोलकाता
दिवाली के दिन जहां ज्यादातर लोग मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं वहीं कोलकाता में मां काली की पूजा की जाती है। इस दिन कोलकाता के काली मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचती है। पूरे शहर में भी काली मां की मूर्ति लगाई जाती है, जिनकी शाम को आरती की जाती है और लोग जश्न मनाते हैं। वैसे दिवाली को काली पूजा के दिन के रूप में न सिर्फ बंगाल बल्कि ओडिशा, त्रिपुरा और असम में भी मनाया जाता है। ऐसे में आप इन जगहों पर भी जा सकते हैं।