Peora The Unexplored Beautiful Village Of Uttarakhand
Peora The Unexplored Beautiful Village Of Uttarakhand

उत्तराखंड को देवभूमि यानी देवों की भूमि कहा जाता है, जहां कई देवी-देवता विराजमान हैं और उनके मंदिर भी हैं। इसके अलावा उत्तराखंड अपनी बेजोड़ खूबसूरती और लोकेशन्स के लिए भी मशहूर है। उत्तराखंड के पॉप्युलर डेस्टिनेशंस, जैसे कि ऑली, चोपटा, चकराता, मसूरी और देहरादून जैसी जगहों के बारे में तो सभी जानते होंगे, लेकिन उत्तराखंड में कई ऐसी बेजोड़ जगहें हैं, जिनके बारे में बेहद कम लोग जानते होंगे। ऐसी ही एक जगह है पेओरा।

पेओरा नैनीताल और अल्मोड़ा के बीच पड़ता है और यह हिमालय की खूबसूरत चोटियों और घने जंगलों से घिरा एक छोटा-सा गांव है। यहां की खूबसूरत छटा और छिपते हुए सूरज का नजारा अलग ही होता है। देवदार, काफल, ओक और बुरांश के पेड़ों से घिरा पेओरा किसी जन्नत से कम नहीं लगता। पेओरा मुक्तेशवर से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

उत्तराखंड का फलों का कटोरा है पेओरा
जिस तरह रामगढ़ को कुमाऊं का फलों का कटोरा (fruit bowl of Kumaon) कहा जाता है, उसी तरह पेओरा को ‘उत्तराखंड का फलों का कटोरा’ (fruit bowl of Uttarakhand) कहा जाता है। यहां सेब से लेकर आलूबुखारा, खुबानी और आड़ू काफी मात्रा में होते हैं। इसके अलावा पेओरा अपने हर्बल प्रॉडक्ट्स के लिए भी काफी मशहूर है। हालांकि यहां कोई लोकल मार्केट नहीं है और न ही कोई शॉपिंग स्पेस, लेकिन हर्बल प्रॉडक्ट्स को आप लोकल हर्बल फैक्टरी से खरीद सकते हैं।

पेओरा जाने के लिए बेस्ट टाइम
पेओरा जाने के लिए सबसे बेस्ट टाइम है मार्च, मई, जून, सितंबर और फिर अक्टूबर से लेकर दिसंबर। जनवरी और फरवरी में यहां कड़ाके की ठंड और बर्फबारी होती है। रास्ते तक बंद हो जाते हैं। इसीलिए उस वक्त यहां जाना सही नहीं है। पेओरा का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जोकि यहां से 78 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

गांठ बांध लें यह बात
चूंकि पेओरा में कोई मार्केट नहीं है इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने साथ खाने-पीने से लेकर अन्य ज़रूरी सामान ज़रूर ले जाएं। रही बात वहां रहने की, तो आपको वहां रहने के लिए बजट में घर मिल जाएंगे।