2 अक्टूबर को महात्मा गांधी का जन्म गुजरात में हुआ था और इसे गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के रूप में मनाया जाता है। यहीं से इन्होंने आजादी से जुड़े कई आंदोलनों का आगाज किया था। यहां हम आपको गुजरात के ऐसे ही पर्यटन स्थलों की जानकारी दे रहे हैं जो महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी यादें समेटे हुए हैं।
अगर आप गुजरात घूमने की योजना बना रहे हैं तो इन स्थानों पर जाकर आप अपने आप को गांधी जी के जीवन से जोड़ सकते हैं।

कीर्ति मंदिर, पोरबंदर
गांधी जी का जन्म इसी स्थान पर 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था। यह गांधी जी के पूर्वजों का घर था। यह अब एक म्यूजियम में बदल चुका है। 1950 में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इस कीर्ति मंदिर मेमोरियल का उदघाटन किया था। इसमें गांधी जी के जीवन से जुड़े दुर्लभ दस्तावेज और सामान रखे हैं। यहां कई किताबें भी रखी हैं जो या तो महात्मा गांधी ने खुद लिखी हैं या उनपर लिखी गई हैं।

टाइमिंग– सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे- दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक
संपर्क- +91 286 242 926

मोहनदास गांधी हाईस्कूल, राजकोट
पहले इस स्कूल का नाम राजकोट हाईस्कूल था लेकिन अब इस स्कूल का नाम बदलकर मोहनदास गांधी हाईस्कूल कर दिया गया है। यहां से महात्मा गांधी ने अपनी पढ़ाई पूरी की थी और ग्रेजुएट हुए थे। गांधी जी के समय में इसे राजकोट हाई स्कूल कहते थे। आज जो बिल्डिंग यहां स्थित है उसका निर्माण 1907 में अंग्रेजों ने करवाया था। जिसे बाद में अलफ्रेड हाई स्कूल कहा जाने लगा।

बारदोली
सूरत से 34 किलोमीटर स्थित बारदोली से ही बारदोली सत्याग्रह की शुरुआत हुई थी जिसकी शुरुआत सरदार वल्लभ भाई पटेल ने की थी। इसके बाद महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह शुरू किया था। यहा स्थित आश्रम महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी कई घटनाओं का गवाह रहा है। यहां स्वराज आश्रम म्यूजियम और बारटॉन लाइब्रेरी है। गांधी जी के जीवन को समझने और जानने के लिए हजारो की संख्या में यहा पर्यटक आते हैं।

टाइमिंग– सुबह 10 बजे से दोपहर 01.30 बजे- दोपहर 2.30 बजे से शाम 6 बजे तक
एंट्री फीस- 1 रुपए
संपर्क- 9898149761

दांडी
यहां से महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह और दांडी मार्च की शुरुआत की थी। साबरती से लेकर दांडी तक के जिस रास्ते से यह जुलूस निकला था वो अब ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण हो गया है। दांडी में इन पर्यटकों के लिए घूमने के लिए कई अन्य स्थान भी है। दांडी का समुद्र तट पर्यटकों के काफी फेमस है।