Tourist Places between Jodhpur to Udaipur Road Trip
Tourist Places between Jodhpur to Udaipur Road Trip

राजस्थान का हर एक शहर एक अलग ही खूबसूरत और खासियत संजोए हुए है फिर चाहे वो जयपुर हो, उदयपुर, माउंट आबू या फिर जोधपुर। सूरज उगने से लेकर उसके ढ़लने के बाद भी यहां की रौनक कम होने का नाम नहीं लेती। सबसे खास बात जो इन जगहों के बारे में है वो यह कि अगर आप दिल्ली या इसके आसपास रहते हैं तो वीकेंड में आसानी से इन डेस्टिनेशन को कवर किया जा सकता है। तो सोचना क्या सुहावने मौसम में निकल पड़े जोधपुर से उदयपुर के रोड ट्रिप पर, जहां आप एक साथ कई ऐतिहासिक जगहों को देख सकते हैं। जानेंगे इनके बारे में।

कुंभलगढ़ किला
कुंभलगढ़ का किला 15वीं शताब्दी में राणा कुंभा ने बनवाया था। इस किले की दीवार विश्व की दूसरी सबसे बड़ी दीवार है जो 36 किलोमीटर लम्बी है और 15 फीट चौड़ी है। किले के अंदर 360 से ज्यादा मंदिर हैं जिनमें से 300 प्राचीन जैन मंदिर और बाकि हिन्दू मंदिर हैं। यह एक अभेद किला है जिसे दुश्मन कभी नहीं जीत पाए। किले के चारों ओर बड़ी दीवार बनी हुई है जो चीन के बाद विश्‍व की दूसरी सबसे बड़ी दीवार है।

हल्दीघाटी
सन् 1576 में महाराणा प्रताप और राजा मान सिंह के बीच घमासान युद्ध हल्दीघाटी में ही लड़ा गया था। इसके अलावा यहां आप उस जगह को भी देख सकते हैं जहां महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक ने आखिरी सांस ली थी। चेतक के सम्मान में यहां सफेद संगमरमर की छत्री बनाई गई है। तो अगर आप उदयपुर से जोधपुर रोड ट्रिप पर जा रहे हैं तो इस जगह को देखने का वक्त जरूर निकालें।

दिलवाड़ा मंदिर
माउंट आबू से लगभग 2.5 किमी की दूरी पर बना है दिलवाड़ा मंदिर जो पांच मंदिरों का समूह है। दिलवाड़ा मंदिर में पांच मंदिर संगमरमर के हैं। मंदिर आकर आप कला का अद्भुत नजारा देख सकते हैं। मंदिर में लगे 48 खंभों में नृत्यांगनाओं की आकृति बनी हुई है। मंदिर के अंदर फोटोग्राफी लेना मना है।

बुलेट बाबा मंदिर
जोधपुर के नज़दीक पाली से 20 किलोमीटर दूर बुलेट बाबा मंदिर बहुत ही अनोखी जगह है, जहां 350cc रॉयल एनफील्ड की पूजा होती है। यह मंदिर ओम बना को समर्पित है जिनकी एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। ऐसा कहते हैं कि पुलिस उनकी मोटरसाइकिल को थाने लेकर आई थी लेकिन अगली सुबह वह बाइक उसी दुर्घटना स्थल पर मिली थी। ऐसा एक नहीं कई बार हुआ अंत में पुलिस को इसे ओम बना के आत्मा की इच्छा मानकर वहीं छोड़ना पड़ा।

SOURCEhttps://www.jagran.com/
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