भारत के सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले और फेमस हिल स्टेशनों में से एक है शिमला। समर सीजन में बड़ी संख्या में टूरिस्ट यहां पहुंचते हैं। गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए यह भारतीय सैलानियों का पसंदीदा स्पॉट है। हरियाली, मनोरम जलवायु, भव्य पर्वत और दर्शनीय स्थल, यहां सैलानियों को बहुत आकर्षित करते हैं। अगर आप भी शिमला के लिए अपना बैग पैक कर रहे हैं तो यहां पहुंचने पर इन 5 ऐक्टिविटीज को करना न भूलें…
पैराग्लाइडिंग
यदि नीले आसमान में उड़ने का मन है तो आप शिमला की हसीन वादियों में अपनी इस इच्छा को पैराग्लाइडिंग के जरिए पूरी कर सकते हैं। यहां के प्रकृति से भरपूर परिदृश्य आपको रोमांचित कर देगा। शिमला पैराग्लाइडिंग का मजा लेने के लिए भारत की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। यह उत्तराखंड के कांगड़ा घाटी में स्थित है। सड़क मार्ग द्वारा दिल्ली से यहां पहुंचने में आपको करीब साढ़े सात घंटे लगेंगे।
कैंपिंग
खुले आसमान के नीचे कैंपिंग करना या तंबू डालकर करना, अपने आप में रोमांचित कर देने वाला अनुभव होता है। रात में कैंप फायर भी आप इंजॉय कर सकते हैं। शिमला में कैंपिंग के लिए कई स्पॉट हैं। इनमें रेडवुड कैंप, मशोबरा ग्रीन्स और खीरगंगा कैम्पिंग कंपनी खास हैं।
![](https://static.langimg.com/img/69249112/Master.jpg)
ट्रेकिंग
एक ट्रेकर के लिए शिमला स्वर्ग है। कई ट्रेकिंग ट्रेल्स हैं यहां, जो आपको शहर के दूरस्थ कोनों का पता लगाने में मदद करते हैं। सबसे अच्छे ट्रेक धनु देवता मंदिर, कामना देवी मंदिर, चाडविक फॉल्स, जाखू मंदिर और तारा देवी मंदिर हैं। इनमें से अधिकांश छोटे ट्रेक हैं, जो आसानी से चढ़े जा सकते हैं। पहली बार ट्रेकिंग कर रहे लोगों को यहां ट्रेकिंग में कोई परेशानी नहीं होगी।
साइक्लिंग
शिमला में साइकिल चलाने का अपना मजा है। अगर आप साइक्लिंग के शौकीन हैं तो यकीन मानिए इसको आपने पहले कभी इतना इंजॉय नहीं किया होगा, जितना यहां करनेवाले हैं। शिमला वॉटर कैचमेंट वाइल्डलाइफ सेंचुरी में आप पूरे एक दिन की साइकिलिंग कर सकते हैं। इस दौरान आप यहां अनेक वन्यजीवों को देख सकते हैं।
![](https://static.langimg.com/img/69249136/Master.jpg)
नेचर वॉक
जी हां, नेचर वॉक। अपने भीड़-भाड़ वाले शहरों में हम अक्सर सुकून भरी सैर की तलाश में पार्क और गार्डन का रुख करते हैं। लेकिन अगर आप शिमला आए हैं तो यहां की पहाड़ी पगडंडियों पर पेड़-पौधों के बीच चहलकदमी करना न भूलें। सुबह-दोपहर या शाम आपको जब भी समय मिले, सूरज ढलने से पहले निकल जाइए, प्रकृति से बातें करने।